निजी अस्पताल में वकील की मौत पर 6 घंटे हंगामा, महिलाओं ने हाथों में पत्थर उठाए, देर शाम राजीनामा

महिलाओं ने हाथों में पत्थर उठाए, देर शाम राजीनामा
एक्सीडेंट में घायल होने पर सीटी स्कैन कराने पहुंचा, ऑपरेशन के बाद हुई मौत
अजमेर हरिभाऊ उपाध्याय नगर स्थित एक निजी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान बड़ल्या निवासी वकील दिलबाग सिंत रावत की मौत के बाद सोमवार को मृतक के परिजन, रावत समाज के लोग और मृतक दिलबाग। वकीलों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में कोताही का आरोप लगाते हुए करीब छह घंटे तक अस्पताल में हंगामा किया। मृतक के परिजन को 50 लाख के मुआवजे की मांग को लेकर बड़ी संख्या मैं बहुल्या, पालरा, हाथीखेड़ा और अन्य गांवों के लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया, महिलाओं ने तोड़फोड़ के लिए हाथों में पत्थर-ईंट उठा लिए।
हालात पर काबू पाने के लिए मौके पर एडिशनल एसपी, डीएसपी सहित चार थानों के सीआई और करीब 50 से ज्यादा पुलिस के जवान मौजूद रहे। प्रदर्शनकारियों के साथ कई बार पुलिस अधिकारियों और जवानों की झड़प हुई। इस बीच अस्पताल प्रबंधक डॉक्टर और अन्य डॉक्टरों के साथ मृतक के परिजन, समाज के लोग और जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कई चरणों में वार्ता हुई। आक्रोशित भीड़ के दबाव को देखते हुए पहले अस्पताल प्रशासन 15 लाख रुपए मुआवजा देने पर राजी हुआ। लेकिन प्रदर्शनकारी 50 लाख रुपए मुआवजे पर अड़ गए और शव नहीं लेने की घोषणा कर दी। अस्पताल के बाहर ग्रामीणों ने धरने के लिए टेंट भी लगा लिए। एडीएम सिटी गजेन्द्र सिंह ने भी मौके पर पहुंच कर मृतक के परिजन और अस्पताल प्रशासन से बातबीत की। बाद में अस्पताल प्रबंधन मृतक के परिजन – को 21 लाख रुपए बतौर मुआवजा देने और मृतक के इलाज के लिए जमा कराई गई राशि लौटाने पर सहमत हो गया। राजीनामे के बाद मृतक के परिजन से शपथ पत्र ले लिया गया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव जेएलएन अस्पताल पहुंचाया, जहां मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। पुलिस जांच कर राधे है।
मोटरसाइकिल फिसलने पर घायल हो गया था। उस समय चोट का एहसास नहीं होने पर यह सीधे घर चला गया। लेकिन रात भर सीने में दर्द हुआ और सुबह उल्टी और चक्कर भी आने लगे। इस पर दिलबाग खुद चलकर पहले ऑर्थोपेडिक के निजी अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टर ने जांच के बाद आर्या हॉस्पिटल में सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। वकील दिलबाग अपने दो परिजन के साथ एक अन्य निजी अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने सिर का सीटी स्कैन किया और रिपोर्ट देख कर बताया कि सिर में छोटा सा क्लॉट है। डॉक्टर ने यह कहते हुए भर्ती कर लिया कि इंजेक्शन और मेडिसिन से क्लॉट ठीक हो जाएगा, लेकिन 14 जून को देर रात आनन-फानन में दिलबाग के सिर का अऑपरेशन, कर दिया गया। ऑपरेशन के बाद दिलबाग को होश नहीं आया और मृत घोषित कर दिया गया। परिजन का कहना है कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन से पहले उनसे कागज पर यह कहकर हस्ताक्षर करवा लिए थे कि अगर ऑपरेशन नहीं हुआ तो मौत हो जाएगी। इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन ने उनसे करीब ढाई लाख रुपए भी जमा करवा लिए। दिलबाग की के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने इलाज संबंधी लंबा बिल भी भुगतान के लिए

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