बिना नम्बरी टिकट प्रकरण व वित्तीय अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट जिला बार ने की सार्वजनिक

जिला बार एसोसिएशन ने वित्तीय अनियमितता की जांच करने वाली कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के बाद अग्रिम कार्रवाई के लिए पूर्व अध्यक्षों की बैठक करने का निर्णय किया है। वहीं गत कार्यकारिणी के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने उक्त जांच के विषय संबंधी कोई दस्तावेज उपलब्ध कराए बिना और बिना उनका पक्ष जाने पूरी की गई जांच रिपोर्ट को शून्य करार दिया है। जिला बार अध्यक्ष चंद्रभान सिंह राठौड़ के अनुसार कुछ महीनों पहले गत कार्यकाल में विभिन्न तरीकों से वित्तीय अनियमितता होने की सूचना मिली थी। जिस पर उन्होंने निष्पक्ष कार्रवाई करने के लिए जांच कमेटी गठित कर उसका अध्यक्ष सूर्य प्रकाश गांधी को और शशि प्रकाश

इंदोरिया, प्रियदर्शी भटनागर, हरिसिंह गुर्जर, हेमेन्द्र सिंह राठौड़ व प्रकाश मीणा को सदस्य बनाया था। उन्होंने बताया कि इस कमेटी ने बिना सीरीज के टिकिट के प्रचलन, हेलमेट वितरण और जिला बार के चुनाव के लिए हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी पेश की फीस देने के मामलों में वित्तीय अनियमितता की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। करीब 13 पेज की यह रिपोर्ट आज सार्वजनिक कर उसे अदालत परिसर में कई जगहों पर चस्पा करवा दिया है। जिससे सभी वकील साथियों को उक्त मामले में जानकारी मिल सके।

अमान्य है जांच रिपोर्ट

जिला बार पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि जांच कमेटी ने उन्हें पत्र देकर कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा था, जिस पर उन्होंने तत्काल ही वर्तमान बार अध्यक्ष को पत्र देकर जांच का विषय संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था। जो मुझे आज तक प्राप्त नहीं हुए हैं। खास बात यह है कि बिना उनका पक्ष लिए कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट कम्पलीट कर दी है जो अनुचित व गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच रिपोर्ट पूर्णतः अमान्य है।

अविलम्ब निर्णय लेने की उम्मीद है कमेटी को

कमेटी ने अपने निष्कर्ष में लिखा है कि उपरोक्त प्रदत्त सुझाव व राय को मानने अथवा नहीं मानने के लिए जिला बार एसोसिएशन स्वतंत्र च अधिकृत है। जबकि आशा की जाती है कि बार एसोसिएशन में आगे वित्तीय अनियमितता और गैर जिम्मेदाराना अनुचित आचरण के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर अधिवक्ता हितों में निर्भिकतापूर्ण निष्पक्षता के साथ अविलम्ब समुचित निर्णय लिया जाएगा।

जांच कमेटी के सुधारात्मक सुझाव

जांच कमेटी ने बार एसोसिएशन में अपने पद के दुरुपयोग की पुनरावृत्ति को रोकने के साथ-साथ अधिवक्ता हितों में कुशल प्रबंधन व

व्यवस्था के लिए सुझाव दिए हैं।

  • खर्च की जाने वाली राशि का भुगतान कार्यकारिणी में पूर्व

स्वीकृति व अनुमोदन या प्रस्ताव लेकर किया जाना चाहिए। अधिक राशि के भुगतान के लिए जनरल हाउस में मंजूरी लेना अनिवार्य किया जाए।

  • वित्तीय संव्यवहार, आय-व्यय सहित भुगतान का ब्यौरा, विवरण, रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए कोषाध्यक्ष को अवसर दिया जाना चाहिए। अधिकांश लेन-देन बैंक से होना और उस पर कोषाध्यक्ष के दस्तख्त होना अनिवार्य होना चाहिए।

वित्तीय संव्यवहार के लिए मासिक या वार्षिक ऑडिट करवाना चाहिए।

कार्यकाल के समापन या चुनाव की घोषणा होने पर चुनाव समिति या चुनाच अधिकारी को कार्यभार सौंपा जाना चाहिए। जिससे वे

नव निर्वाचित कार्यकारिणी को उक्त कार्यभार संभला सके। • टिकिट छपवाने, सीरीज या किसी प्रकार के परिवर्तन का निर्णय कार्यकारिणी से कराया जाना चाहिए।

चुनाव नहीं कराना चाहते हैं अध्यक्ष

जिला बार की गत कार्यकारिणी के अध्यक्ष राठौड़ ने यह भी आरोप लगाया है कि वर्तमान अध्यक्ष चंद्र भान सिंह चुनांव करवाना नहीं चाह रहे हैं। इसलिए यह इस तरह के कार्य कर रहे हैं। जबकि राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी अभिभाषक संघों को प्रत्येक वर्ष दिसम्बर माह के द्वितीय सप्ताह के शुक्रवार को चुनाव करवाना अनिवार्य है।

मुझ पर लगे आरोप निराधार-यादव

जिला बार के सचिव राजेश यादव ने कहा कि गत कार्यकारिणी में भी वह सचिव थे। बिना नम्बर के टिकिट प्रचलन की शिकायत पर कमेटी ने जांच की। मैंने अपना पक्ष तथ्यात्मक तरीके से स्पष्ट किया। जिससे उनके दोनों कार्यकाल में ऐसा प्रचलन होना नहीं पाया गया है। जिससे मेरे पर लगे आरोप निराधार हैं।

मूल दस्तावेज मांगे कमेटी से

जिला बार सचिव यादव ने कहा कि चूंकि जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। इसलिए उनका काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कमेटी अध्यक्ष व सदस्यों से जांच के लिए दिए मूल दस्तावेज शीघ्र जिला बार को सौंपने का आग्रह किया है।

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