1961 में संशोधन करने के प्रस्ताव के विरोध में जिला बार एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार को भी वकीलों ने अदालती कार्य स्थगित रखा और उक्त प्रस्ताव के पन्ने अदालत परिसर के बाहर जलाकर अपना विरोध व्यक्त किया। वकीलों के प्रदर्शन से अदालत परिसर के बाहर जयपुर रोड पर कुछ देर तक यातायात प्रभावित रहा। जिला बार अध्यक्ष अशोक सिंह रावत एवं सचिव दीपक गुप्ता के अनुसार उक्त संशोधन प्रस्ताव से वकीलों के संवैधानिक अधिकारों को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे देशभर के वकील आंदोलनरत है। इसी क्रम में अजमेर जिले के वकील भी कार्य स्थगित कर आंदोलन कर रहे हैं। कोई भी वकील अदालत में जाकर छोटे से छोटा कार्य कराने का प्रयास नहीं कर रहा है। उन्होंने बताया कि रोजाना की तरह – अदालत परिसर में वकीलों ने नारेबाजी करते हुए अपनी एकता और शक्ति का प्रदर्शन किया है। उन्होंने बताया कि अदालत परिसर में प्रदर्शन के बाहर सभी वकीलों ने जयपुर रोड के स्थिन कुंदन नगर तिराहा पर उक्त अधिनियम संशोधन प्रस्ताव की प्रतियां भी जलाई हैं। उन्होंने कहा कि उक्त प्रस्ताव वापस नहीं होने तक वकीलों का आंदोलन जारी रहेगा। बार उपाध्यक्ष डॉ. गगन सोनी, रिजवाना मर्शरत खान, संयुक्त सचिव सुमित्रा पाठक, कोषाध्यक्ष भवानी सिंह मीणा, पुस्तकालय अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी, कार्यकारिणी सदस्य चंद्रशेखर उजीरपरिया, अंजु चौधरी, महेन्द्र सिंह भाटी, फुरकान मोहम्मद शेख, योगेन्द्र सिंह, बाबूलाल शर्मा, लक्ष्मण सिंह, अशोक कुमार जांगिड़, चंद्रभान सिंह राठौड़, वैभव जैन, प्रकाश मीणा, हेमेन्द्र सिंह राठौड़, गुलाब सिंह राजावत, राजेश ईनाणी, परमेश्वर खींची, दीपक शर्मा, ललित कुंपावत, अशोक चंदेल, चेतन, संदीप यादव, अजीत पहाड़िया, दिनेश राठौड़, अब्दुल रशीद, सत्यनारायण सोलंकी, मुनीष तिवारी व लक्ष्मीकांत शर्मा आदि वकील प्रदर्शनकारियों में शामिल थे।
