भास्कर टॉक शो में बोले अजमेर के अधिवक्ता सभी अदालतें एक ही जगह संचालित हों, पानी की सुविधा नहीं, पेड़ के नीचे बैठने पर मजबूर हैं
सरकार मुकदमों की पेंडेंसी पर चिंतित लेकिन अधिवक्ताओं की समस्याओं पर मौन
अधिवक्ता भवन के लिए जमीन नहीं दे रहा जिला प्रशासन
हिमरी है और हरे में वाहन ओरी होने कोक भास्कर को सेकशी में सवत ओं का कहना है कि मों की पेईसी पर ती और जियाओं पर गौन हैलहै जबकि सरकार अजरिए प्रतिदिन काम मिलता है। जिला अन है कि चन्द्रभान सिंह का और फुटन दर्ज करने की बजाय पीड़ित गाने करबार बनाया
सरकार हाईकोर्ट और पर धहन दे। अजमेर की को एक। हजिटिंग में शिफ्ट किया जाए। जिले में बजट स्वीकृत होने के बावजूद अप तक अधिवका भान निए जमीन का अटमेंट नहीं के लिए अधिवक्ता भवन बन चुके हैं। राम् कर बोर्ड सहित अन्य मंडल, राजस्थान कर पटना है। अभिववताओं की मार है कि संगिता नगर में बनाए जातो कोर्ट भवन में सभी के लिए चैबर कर निर्माण
में
किया जाए
इन्होंने भी बताई समस्याएं, दिए सुझाव
टॉक शो में संजय गुर्जर, रमन जैन, मोहित गांधी, देवी सिंह भाटी, है। पानी परिन्द्र सिंह वकील मोहम्मद, कोषाध्यक्ष रोशन प्रकाश शर्मा आदि हुए इन्ने भोलेको समस्याएं पाई और उनके समाधान भी।
इसलिए जरूरी है आमसूचना
हाईकोर्ट के अधिकता चंद्रभान सिंह राठौड़ के अनुसार आम सूचना का प्रकाशन कई मामले में आपके पक्ष को मजबूत बनाता है। संपत्ति व उत्तराधिकार से जुड़े मामले में इसका प्रकाशन जरूरी हो जाता है। लोकहित जाद के मामले में आम सूचना का प्रकाशन करता हस्ती होता है। अपने अधिवक्ता के जरिए आम सूचना का प्रकाशन करवाना चाहिए ताकि आप सूचना पर कोई आपत्ति आने पर वे समन पर आपत्तिकर्ताओं को उसका जवाब दे सकें और जरूरत होने पर कोर्ट भी जा सके।
सरकार हर विभाग में वकील नियुक्त करे
जिला बार अध्यक्ष बन्द्रभान सिंह का कहना है कि आनों ही जज बनी बैडी और मुकदमा दां करने को प्रताप पौड़ित पर ही राजीनामे है। पुलिस समझ पर जोर देती है। माइन एकर में मुकदमे ही दर्ज नहीं होते। किसानों की हो रही। सरकारी विभाग भी परिवाद पेश नहीं करते। सरकर हर विभाग में वकील नियुक्त करे। आरपीसी में एक पोस्ट डीजे की है एलएएलओ की भर्ती में उनका रोल स्पष्ट होना चाहिए।
कोर्ट परिसर में वकीलों-पक्षकारों के पीने को पानी नहीं और टंकियों में बंदर नहा रहे
पूर्व नार अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राठौड़ के अनुसार वकीलों की
भी विज्ञापन का अधिकार मिलना चाहिए। अदालत में पानी
की व्यस्था नहीं है। हमें पानी के लिए कैंपर मंगवाने पड़ते को टंकियों में बंदर नहा रहे हैं। पक्षकार परेशान होते हैं। महिला अधिवक्ता के लिए अलग से भवन नहीं है। ये खुले हो बच्चों को फोड करवाती है। राजस्थान रेवं-५ बोर्ड बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि रेवेन्यू बोर्ड में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होनी चाहिए। सभी वकीलों के लिए चैबर भी बनाए जाएं।
खरे होन
में ना
साफ पानी है और
रेवेन्यू भोई के वरिष्ठ अधिवक्ता जैके पारीक के अनुसार सरकार रेवेन्यू बोर्ड और अधीनस्थ अदालतों में वही अधिकारी लगाए जाएं जो कानून के जानकार हो। सदस्य मेरिट पर फैसला करें। एडीजे की बजाय डीजे सदस्य लगाए जाएं। रेवेन्यू बोर्ड की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. ममा भवन बनवाया जाए।
नए भवन में 250 चैंबर स्वीकृत, बन रहे हैं केवल 78
अधिवक्ता बीना सुकरिया ने बताया कि नए भवन में केवल 78 चैवर बनाए जा रहे हैं जबकि 250 बैंबर स्वीकृत हुए थे। बजट स्वीकृत है लेकिन मिल नहीं रहा है। नया कोर्ट भवन जी प्लस-7 पास था लेकिन जी पलस-5 ही बनाया जा रहा है। 40 साल से अजमेर
के वकील हाईकोर्ट की सर्किट बेंच की मांग कर रहे हैं।
अधिवक्ताओं को दी जाए मेडिकल की सुविधाएं
बार सचिव राजेश यादव ने बताया कि एडवोकेट के लिए मेडिकल की सुविधा दी जाए। अदालत में पिछले महोंने एक अधिवक्ता बेहोश हो गई। दो-तीन दिन पहले भी दो अधिवक्ताओं की तबीयत खराब हो गई थी। हाईकोर्ट में डिस्पेंसरी है जबकि यहां पक्षकारों के लिए सुलभ सुविधाएं नहीं है। जयपुर-जोधपुर अधिवक्ता भवन बन चुके हैं जबकि अजमेर में जमीन ही अलॉट नहीं हुई है अब तक। आरजेएस भर्ती में वकील के अनुभव की सीमा को खत्म कर दिया गया है। इसे दोबारा लागू किया जाए। वकील कोटा 20 से पटावर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. इसे बढ़ाया जाए।
सरकार सस्ती दरों पर जमीन दे
डॉ. योगेन्द्र ओझा के अनुसार बार काउंसिल के चुनाव समय से नहीं करवा जा रहे। एडवोकेट के परिवार के लिए मेडिकल की सुविधा बढ़ाई जाए। एडवोकेट को भी सस्ती दर पर जमीन दी जाए। तेज आवाज में डीजे चजाएं जाते हैं। एमयो एक्ट, जुए और माइनर एक्ट पर पुलिस कार्रवाई नहीं करती। पानी की टंकियों की सफाई समय पर नहीं होती। अधिकारी ध्यान नहीं देते। अदालत परिसर में बनाई गई प्याऊ भी तोड़ दी गई। बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है। कोविड में अधिवक्ताओं के लिए 10-10 हजार का प्रावधान किया गया था। 10 करोड़ रुपए कोर्ट के पास पड़े हैं लेकिन दिए नहीं जा रहे।
वकीलों को सुविधाएं मिलें
राजस्थान रेवेन्यू बोर्ड बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि रेवेन्यू बोर्ड में अधिवक्ताओं को प्राथमिक उपचार को व्यवस्था होनी चाहिए। सभी वकीलों के लिए बैंबर भी बनाए जाएं। राजस्व कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए, उनके रिक्त पद भी भरे जाएं। सरकार आवासीय योजना भी लॉन्च करे। सुमित्रा पाठक ने कहा कि अधिवक्ताओं को भी सरकारी कार्मिकों को तरह सुविधाएं दें। सभी कोर्ट एका जगह हो। राजीव भारद्वाज ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों के काम का भी रिव्यू होना चाहिए।