बिजयनगर ब्लैकमेल कांड के सात आरोपियों को शुक्रवार को पॉक्सो कोर्ट में पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया। पिछली पेशी की वारदात से सबक लेते हुए पुलिस अधिकारी इस बार ज्यादा अलर्ट थे, लेकिन वकीलों ने मौका देख कर उस समय आरोपियों पर हमले का प्रयास किया, जब पुलिस उन्हें पेशी के बाद वापस दूसरे रास्ते से ले जा रही थी। इस घटना के लिए पहले से सतर्क पुलिस कर्मियों ने आरोपियों को घेरे में लेकर सुरक्षित पुलिस वाहन तक पहुंचा दिया। वकीलों ने उनके पीछे जाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने बलपूर्वक उन्हें रोक दिया। इस बीच पुलिस के जवानों के साथ वकीलों की धक्का-मुक्की भी हुई। कोर्ट ने 4 आरोपियों को 5 दिन और तीन आरोपियों को सात दिन के पुलिस रिमांड पर सौप दिया। इस केस मैं पुलिस ने अब तक 10 आरोपियों को पकड़ा है। इनमें से तीन आरोपी नावालिग हैं। सभी आपस में दोस्त हैं। ये ग्रुप बनाकर प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग लड़कियों से जबरन दोस्ती, देहशोषण और अश्लील फोटो-वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर रहे थे। कैफे के कैमरे की डीवीआर, आरोपियों के मोबाइल की हिस्ट्री से नेटवर्क में शामिल लोगों को चिह्नित करेगी पुलिस आरोपियों को पॉक्सो कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान वकीलों ने उन फिर हमले का प्रयास किया। आरोप है कि लड़कियों को जबरन कलमा पढ़ने, रोजा रखने और धर्मांतरण के लिए विवश किया गया। शुक्रवार को पुलिस ने अदालत के समक्ष केस डायरी पेश कर आरोपियों को पुलिस रिमांड पर सौंपने की प्रार्थना की। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल फोन की कॉल हिस्ट्री और जिस कैफे में लड़कियों को ले जाया गया, वहां के सीसी टीवी कैमरे की डीवीआर से इस घिनौने कांड में शामिल कई लोगों की भूमिका सामने आ सकती है। आरोपियों से पूछताछ और इन साक्ष्यों की तस्दीक कराने की जरूरत है। इस मामले में आरोपी कैफे संचालक श्रवण, करीम और आशिक को पहली बार कोर्ट में पेश किया गया था। श्रवण ने आरोपियों को नाबालिग लड़कियों के साथ जगह मुहैया कराई थी, जबकि करीम अनैतिक गतिविधि के दौरान निगरानी करता था। इन तीनों को सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया, जबकि पूर्व में गिरफ्तार लुकमान उर्फ सोहेब, सोहेल मंसूरी, रिहान मोहम्मद और अफराज को 5 दिन के रिमांड पर भेजा गया है। विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेन्द्र परिहार के अनुसार मामले में तीन नाबालिग को जेजे कोर्ट में पेश कर बाल सुधार गृह भेजा गया। वकीलों ने एसपी को दी शिकायत कोर्ट परिसर में वकील और पुलिस के बीच धक्का मुक्की के मामले में वकीलों ने शुक्रवार को एसपी बंदिता राणा को शिकायत देकर एएसआई पर कार्रवाई की मांग की है। एडवोकेट प्रदीप कुमार ने बताया कि वे कोर्ट परिसर में मौजूद थे, इसी बीच सामने से आरोपियों को लाया जा रहा था। भीड़ ज्यादा होने के कारण सिविल लाइन थाने में तैनात एएसआई ने गाली गलौज की और काम करने से रोका। जब इसका विरोध किया तो धमकाया कि तुझे तेरी वकालत भुला दूंगा। पहले भी वकीलों ने आरोपियों को पीटा था आरोपियों की पहली बार 18 फरवरी को पॉक्सो कोर्ट में पेशी के दौरान वकीलों ने आरोपियों को घेरकर हमला कर दिया। भीड़ में फंसे आरोपियों पर धप्पड़ बरसाए। इस दौरान पुलिसकर्मियों के साथ भी हल्की झड़प हुई थी। शुक्रवार को भी ऐसी ही हमले की आशंका को देखते हुए कोर्ट में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इधर, विरोध में बिजयनगर रहा बंद बिजयनगर नाबालिग छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाकर ब्लैकमेल, देहशोषण व धर्म विशेष में आस्था रखने के लिए मजबूर करने के मामले को लेकर शुक्रवार को विजयनगर बंद रहा। सर्व हिन्दू समाज संघर्ष समिति के तत्वावधान में विवेकानंद सर्किल पर बड़ी संख्या में शहर के लोग एकत्रित हुए और जुलूस निकाला। जुलूस के दौरान आक्रोशित युवाओं को बमुश्किल पुलिस ने काबू में किया। बंद के दौरान यहां बाजार सूने रहे।
